अब सोशल नेटवर्किंग साइट्स का मतलब सिर्फ नेटवर्किंग ही नहीं रह गया है, बल्कि यहां पर आपको अपनी जरूरत के मुताबिक तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं। बढ़ते कॉम्पिटीशन के दौरान ये साइट्स आपकी हर जरूरत पूरा करने के लिए तैयार हैं। कुछ समय पहले तक सोशल नेटवर्किंग साइट्स का काम सिर्फ लोगों को एक-दूसरे से कनेक्ट करना माना जाता था। लेकिन जब सिर्फ एक-दूसरे से कॉन्टेक्ट करने के लिए लोगों ने नेटवर्किंग साइट्स पर आना बंद कर दिया, तो उन्हें कुछ स्पेशल करने के बारे में सोचना पड़ा। यही वजह है कि आजकल साइट्स पर डाउनलोडेबल गिफ्ट आइटम से लेकर रेस्तरां रिव्यू और फैमिली ट्री बनाने तक की तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं।
स्टूडेंट देवांशी नागर बताती हैं, 'नवरात्रि सेलिब्रेशंस की अपनी तस्वीरें मैंने यूएस में रहने वाले अपने कजिन से शेयर कीं। इसके कुछ दिनों बाद हमें तंजानिया में रहने वाले अपने एक कजिन की फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली। यह तो बस एक शुरुआत थी। उसके बाद हमने अपना फैमिली ट्री बनाने के बारे में सोचा और सभी फैमिली मेंबर्स को रिक्वेस्ट भेज दी। इसके बाद साउथ अफ्रीका में रहने वाले एक कजिन ने मुझे अपनी फ्रेंड लिस्ट में ऐड कर लिया। हमारे बीच काफी बातचीत हुई और पिछले साल तो वह हमारे घर भी आए थे।'
फैमिली मेंबर्स से मिलने के अलावा सोशल नेटवर्किंग साइट्स से लोगों को और भी तमाम फायदे हुए हैं। बाइक के दीवाने सैंडी बताते हैं, 'सोशल नेटवर्किंग साइट पर मैंने एक वर्चुअल बाइक क्लब बना रखा है, जिसके मेंबर्स देश के तमाम शहरों में हैं। इस क्लब में हम लोग एक-दूसरे से अपनी एक्विटीज की पिक्चर्स और जानकारी शेयर करते रहते हैं। इसके अलावा, इस क्लब की मदद से हम रोड ट्रिप भी आयोजित करते हैं। पिछले दिनों हमने राजस्थान का ट्रिप आयोजित किया था और इस क्लब की बदौलत हमें एक जानी-मानी बाइक निर्माता कंपनी की ओर से स्पॉन्सरशिप भी मिल गई। इस तरह अपने ट्रिप को एक कॉन्टेस्ट के तौर पर एंजॉय किया। वरना यह बेहद लंबा, उबाने और थकाने वाला हो सकता था।'
इससे जाहिर है कि सोशल नेटवर्किंग साइट्स टेक्नोसेवी लोगों के लिए वरदान साबित हो रही हैं। वैसे, अगर आप टेक्नोसेवी नहीं हैं, तो भी आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। दरअसल, नेटवर्किंग साइट्स की बदौलत आप न सिर्फ लेटेस्ट टेक्नॉलजी से अपडेट रह सकते हैं, बल्कि गैजट्स की जानकारी भी हासिल कर सकते हैं। टेक्नॉलजी के फैन आदित्य सिंह कहते हैं, 'मार्केट में आने वाले हर लेटेस्ट गैजट के बारे में जानकारी हासिल करना मुझे अच्छा लगता है। लेकिन अब मार्केट में इतने आइटम्स आ गए हैं कि कई बार आप चाह कर भी हर चीज नहीं देख सकते। कहीं न कहीं कुछ न कुछ छूट जरूर जाता है। इस सिचुएशन से बचने के लिए मैंने एक रिव्यू साइट की मेंबरशिप ली है, जिस पर मोबाइल व गैजट्स से लेकर रेस्तरां तक किसी भी चीज का रिव्यू शेयर कर सकते हैं। मुझे लगता है कि माकेर्ट सर्च करने का इससे बेहतर तरीका और कोई नहीं हो सकता।'
बेशक, नए जमाने में सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर एक क्लिक आपकी जिंदगी बदल सकती है। मसलन सचिन के लिए आज इतने सालों बाद एक साइट पर अपने स्कूल के पुराने दोस्तों से मिलना एक ऐसा एक्सपीरियंस है, जिसे वे शब्दों में बयां नहीं कर सकते। वह बताते हैं, 'साइट पर मेरी मुलाकात अपने कुछ ऐसे दोस्तों से हुई, जो बचपन में अपने पैरंट्स के साथ यूएस चले गए थे। मजे की बात यह है कि यूएस जाने वाले सभी फ्रेंड्स पहले से ही उस साइट के माध्यम से एक-दूसरे के टच में थे। वाकई उस साइट की बदौलत मुझे ऐसी पुरानी यादें फिर से ताजा करने का मौका मिला, जिन्हें मैं कभी भुला नहीं पाया था।' बहरहाल जैसे-जैसे नेटवर्किंग अपने नेक्स्ट लेवल की ओर मूव कर रही है, वैसे-वैसे सोशल नेटवर्किंग साइट्स को भी ऐसा करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है!
स्टूडेंट देवांशी नागर बताती हैं, 'नवरात्रि सेलिब्रेशंस की अपनी तस्वीरें मैंने यूएस में रहने वाले अपने कजिन से शेयर कीं। इसके कुछ दिनों बाद हमें तंजानिया में रहने वाले अपने एक कजिन की फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली। यह तो बस एक शुरुआत थी। उसके बाद हमने अपना फैमिली ट्री बनाने के बारे में सोचा और सभी फैमिली मेंबर्स को रिक्वेस्ट भेज दी। इसके बाद साउथ अफ्रीका में रहने वाले एक कजिन ने मुझे अपनी फ्रेंड लिस्ट में ऐड कर लिया। हमारे बीच काफी बातचीत हुई और पिछले साल तो वह हमारे घर भी आए थे।'
फैमिली मेंबर्स से मिलने के अलावा सोशल नेटवर्किंग साइट्स से लोगों को और भी तमाम फायदे हुए हैं। बाइक के दीवाने सैंडी बताते हैं, 'सोशल नेटवर्किंग साइट पर मैंने एक वर्चुअल बाइक क्लब बना रखा है, जिसके मेंबर्स देश के तमाम शहरों में हैं। इस क्लब में हम लोग एक-दूसरे से अपनी एक्विटीज की पिक्चर्स और जानकारी शेयर करते रहते हैं। इसके अलावा, इस क्लब की मदद से हम रोड ट्रिप भी आयोजित करते हैं। पिछले दिनों हमने राजस्थान का ट्रिप आयोजित किया था और इस क्लब की बदौलत हमें एक जानी-मानी बाइक निर्माता कंपनी की ओर से स्पॉन्सरशिप भी मिल गई। इस तरह अपने ट्रिप को एक कॉन्टेस्ट के तौर पर एंजॉय किया। वरना यह बेहद लंबा, उबाने और थकाने वाला हो सकता था।'
इससे जाहिर है कि सोशल नेटवर्किंग साइट्स टेक्नोसेवी लोगों के लिए वरदान साबित हो रही हैं। वैसे, अगर आप टेक्नोसेवी नहीं हैं, तो भी आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। दरअसल, नेटवर्किंग साइट्स की बदौलत आप न सिर्फ लेटेस्ट टेक्नॉलजी से अपडेट रह सकते हैं, बल्कि गैजट्स की जानकारी भी हासिल कर सकते हैं। टेक्नॉलजी के फैन आदित्य सिंह कहते हैं, 'मार्केट में आने वाले हर लेटेस्ट गैजट के बारे में जानकारी हासिल करना मुझे अच्छा लगता है। लेकिन अब मार्केट में इतने आइटम्स आ गए हैं कि कई बार आप चाह कर भी हर चीज नहीं देख सकते। कहीं न कहीं कुछ न कुछ छूट जरूर जाता है। इस सिचुएशन से बचने के लिए मैंने एक रिव्यू साइट की मेंबरशिप ली है, जिस पर मोबाइल व गैजट्स से लेकर रेस्तरां तक किसी भी चीज का रिव्यू शेयर कर सकते हैं। मुझे लगता है कि माकेर्ट सर्च करने का इससे बेहतर तरीका और कोई नहीं हो सकता।'
बेशक, नए जमाने में सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर एक क्लिक आपकी जिंदगी बदल सकती है। मसलन सचिन के लिए आज इतने सालों बाद एक साइट पर अपने स्कूल के पुराने दोस्तों से मिलना एक ऐसा एक्सपीरियंस है, जिसे वे शब्दों में बयां नहीं कर सकते। वह बताते हैं, 'साइट पर मेरी मुलाकात अपने कुछ ऐसे दोस्तों से हुई, जो बचपन में अपने पैरंट्स के साथ यूएस चले गए थे। मजे की बात यह है कि यूएस जाने वाले सभी फ्रेंड्स पहले से ही उस साइट के माध्यम से एक-दूसरे के टच में थे। वाकई उस साइट की बदौलत मुझे ऐसी पुरानी यादें फिर से ताजा करने का मौका मिला, जिन्हें मैं कभी भुला नहीं पाया था।' बहरहाल जैसे-जैसे नेटवर्किंग अपने नेक्स्ट लेवल की ओर मूव कर रही है, वैसे-वैसे सोशल नेटवर्किंग साइट्स को भी ऐसा करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है!
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