Sunday 12 June 2011

अब बोरिंग नहीं, हाइटेक तरीके से करें पढ़ाई


स्कूली बस्ते में भारी-भरकम किताबों की जगह बस एक टैबलेट कंप्यूटर हो तो कैसा रहे? शुरुआत तो हो चुकी है, इस साल अमेरिका में कुछ जगहों पर पहले हाई-स्कूल और अब नर्सरी के स्टूडेंट्स के स्कूल बैग में बस एक आई पैड नजर आने लगा है, जिसमें सारी पढ़ाई डाउनलोड रहती है। भारत में भी कुछ स्कूल ब्लैकबोर्ड की जगह स्मार्ट मॉनिटर और किताबों की जगह गैलक्सी टैब को इस्तेमाल करने जा रहे हैं।

आई पैड से पढ़ाई
ऐपल के आई पैड डिवाइस का पढ़ाई में इस्तेमाल होने लगा है। अमेरिका में कुछ किंडरगार्टन स्कूलों ने इसी महीने अपने स्टूडेंट्स के लिए काफी संख्या में इन्हें खरीदा है। भारत में स्टूडेंट खुद ही आई पैड पर पढ़ाई वाले ऐप्लिकेशंस डाउनलोड कर इसे अपने बस्ते में ले आए हैं।

1. स्कूल का सारा कंटेट ऐप्लिकेशन स्टोर पर
ऐपल ने आई पैड पर ऐसी सुविधा दी है जिसमें कोई स्कूल अपना सारा कंटेंट ऑनलाइन डाल सकता है, जिसे स्टूडेंट अपने आई पैड पर ऑनलाइन देख और डाउनलोड कर सकें। ऐपल के ऑनलाइन स्टोर 'I - Tunes' पर खास पढ़ाई के लिए आई ट्यूंस-यू सेक्शन है। इसमें एजुकेशन से जुड़ा तमाम तरह का कंटेंट उपलब्ध है जिसमें ऑडियो-विडियो बुक्स से लेकर लेक्चर्स तक शामिल हैं। स्कूल चाहें तो मुफ्त में अपना अलग सेक्शन बना सकते हैं जिसमें वह पब्लिक एक्सेस या सिर्फ अपने स्टूडेंट्स के लिए पासवर्ड प्रोटेक्टेड एक्सेस तय कर सकते हैं। ब्लैकबोर्ड पर पढ़ाने के बजाय जब स्टूडेंट आई पैड की स्क्रीन पर विडियो लेक्चर या डेमो देखते हैं तो समझना ज्यादा आसान होता है।

2. पढ़ाई वाले ऐप्लिकेशन
आई पैड के ऐप्लिकेशन स्टोर में ऐसे ऐप्लिकेशंस का ढेर है जो बच्चों के लिए पढ़ाई के एक्स्पीरियंस को बेहद मजेदार बना देते हैं। मसलन टची बुक्स नाम का ऐप्लिकेशन जब आप लोड करते हैं तो उसमें ई-बुक के तौर पर कहानी तो है लेकिन आप उसके कैरक्टर को छूते हैं तो वह इंटरऐक्टिव हो कर बच्चों को रोमांचित कर देते हैं। इसी तरह नासा, स्टार वॉक्स, मैथ मैजिक, डिक्शनरी, थ्री डी ब्रेन, कलर मी और इन क्लास जैसे ऐसे हजारों ऐप्लिकेशन हैं जो पढ़ाई को आई पैड की शानदार स्क्रीन पर ग्राफिक्स, एनिमेशन और विडियो की मदद से कतई बोरिंग नहीं होने देते।

3. लेक्चर का विडियो ऐप्लिकेशन
सीबीएसई बोर्ड के ही कई स्टूडेंट्स ने हमें बताया कि उनके काम के कई लेक्चर के विडियो ऐप्लिकेशन वर्ल्ड पर उपलब्ध हैं, जिन्हें वे डाउनलोड कर लेते हैं। इसके अलावा सभी बुक्स ई-बुक के तौर पर डाउनलोड कर आई पैड पर पढ़ने का जो फायदा है वह कागजी किताब से कहीं ज्यादा है। आई पैड ने मल्टीमीडिया एक्स्पीरियंस के अलावा ई-बुक में जो महारत हासिल की है, वह स्टूडेंट्स के लिए काफी उपयोगी साबित हुई है। इसके अलावा ऐपल का आई वर्क ऐप्लिकेशन वैसे तो एमएस ऑफिस को रिप्लेस करता है लेकिन आई पैड के लिए निकाले गए वर्जन में कुछ ऐसे फीचर भी हैं जो किताबों और ब्लैकबोर्ड को रिप्लेस करते हैं। आई वर्क में पेज आपको वर्ड प्रोसेसर की तरह ले आउट बनाने में मदद करता है जबकि की-नोट अपने प्रेजेंटेशन में ऐनिमेशन और विडियो एड करने में, नंबर्स से आप टेबल और चार्ट जैसे ग्राफ तैयार होते हैं।

बस्ते में गैलक्सी टैब
सैमसंग के डिवाइस गैलक्सी टैब को भी स्कूली पढ़ाई के मकसद से इस्तेमाल किया जा रहा है। दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, पुणे और कोलकाता समेत नौ शहरों के स्कूलों में इस पर ट्रायल चल रहे हैं।

1. स्मार्ट क्लासरूम-स्मार्ट स्टूडेंट
स्कूलों की पढ़ाई को दो स्तर पर स्मार्ट बनाया गया है - ब्लैकबोर्ड से लेकर टैबलेट तक। क्लासरूम में ब्लैकबोर्ड की जगह 650 टीएस नाम का ई-बोर्ड होता है जिसमें बिल्ट-इन कंप्यूटर है। इसमें कंटेट को रिमोट एक्सेस और मैनेज भी किया जा सकता है। ई-बोर्ड पर होने वाली पढ़ाई स्कूल के इंट्रा नेट से कनेक्ट होती है। बच्चों को कॉपी-किताबों की जगह गैलक्सी टैब दी जाती है, जिस पर उन्हें सारा कंटेंट मिलता है। यानी टीचर जो भी ई-बोर्ड पर लिख रहा है उसे वे अपने टैबलेट डिवाइस पर देख सकते हैं। ई-बोर्ड की खासियत है कि सूरज की रोशनी से इसकी चमक पर असर नहीं पड़ता और इसमें बिल्ट-इन स्पीकर भी हैं।

2. क्लास मिस हुई तो नो टेंशन
टैबलेट से पढ़ाई के इस फंडे का फायदा यह है कि टीचर जो पढ़ा रहा है, स्टूडेंट के लिए उसे नोट करने का झंझट नहीं होता। दोनों डिवाइस आपस में स्कूल से इंट्रा नेट से जुड़े होंगे। ऐसे में अगर स्टूडेंट की क्लास मिस भी हो गई तो ई-बोर्ड पर उस दिन जो भी पढ़ाई हुई थी उसे इंट्रा नेट की मदद से टैबलेट पर हासिल किया जा सकता है। इसी तरह टीचर अपनी टैबलेट पर अटेंडेंस से लेकर कोर्स करिकुलम तक सब कुछ एक्सेस कर सकते हैं।

2. एंड्रॉयड पर पढ़ाई के ऐप्लिकेशन
एंड्रॉयड मार्केट प्लेस में भी ढेरों एजुकेशन बेस्ड ऐप्लिकेशन हैं जो आपके बच्चे को पढ़ाई में मदद कर सकते हैं। इनमें प्री-नर्सरी से लेकर बड़ी क्लासेज तक के स्टूडेंट्स के लिए कई ऐप्लिकेशन हैं, जिनमें से कुछ फ्री हैं तो बाकियों की कीमत 44 रुपये से लेकर 600 रुपये की रेंज में हैं। बच्चों के लिए एबीसी, नंबर, प्री-स्कूल कलर और शेप्स नाम से ऐप्लिकेशन हैं जो उन्हें टचस्क्रीन पर बेसिक पढ़ाई -लिखाई की जानकारी देते हैं जबकि हायर एजुकेशन के भी ऐप्लिकेशन एंड्रॉयड मार्केट प्लेस पर उपलब्ध हैं।

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